आचार्य द्विवेदी के निबंध संकलन की पहली प्रति कोविंद को भेंट की गयी

नई दिल्ली, 09 मार्च । राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द को बुधवार को राष्ट्रपति भवन में आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी के निबंध संकलन ‘भारतीय संस्कृति में मानवीय जिजीविषा’ की पहली प्रति भेंट की गयी।

आचार्य द्विवेदी के निबंध संकलन की पहली प्रति कोविंद को भेंट की गयी

नई दिल्ली, 09 मार्च  राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द को बुधवार को राष्ट्रपति भवन में आचार्य हजारी
प्रसाद द्विवेदी के निबंध संकलन ‘भारतीय संस्कृति में मानवीय जिजीविषा’ की पहली प्रति भेंट की गयी।

आचार्य
हजारी प्रसाद द्विवेदी स्मारक न्यास की अध्यक्ष एवं निबंध संकलन की संपादक डॉ अपर्णा द्विवेदी ने राष्ट्रपति को
यह प्रति भेंट की।

आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी स्मारक न्यास के न्यासी नूपुर पाण्डेय, रत्नेश मिश्र और अशोक
महेश्वरी भी इस मौके पर उपस्थित थे। भारतीय परंपरा में आधुनिकता और आधुनिकता में परंपरा के अप्रतिम द्रष्टा
आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी ने भाषा विज्ञान, समालोचना, सांस्कृतिक विमर्श, उपन्यास तथा निबंध के क्षेत्र में नए
मार्ग प्रशस्त किए।

संत कबीर को महान साहित्यिक कवि के रूप में प्रतिष्ठित करने का श्रेय उन्हें ही दिया जाता
है। गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर के सानिध्य में उनके योगदान ने भारतीय साहित्यिक विरासत को समृद्ध किया है।

इस
अवसर पर राष्ट्रपति ने संक्षिप्त टिप्पणी में कबीर जैसे कवियों के कृतित्व के प्रसार में आचार्य द्विवेदी के योगदान
की सराहना की। साथ ही उन्होंने जन-संपर्क भाषा के रूप में हिन्दी के प्रसार पर बल दिया।