आज धूमधाम से मनाया जा रहा नागपंचमी का पर्व
भगवान भोलेनाथ के अतिप्रिय सावन माह के आज शुक्ल पक्ष के पंचमी के अवसर पर धूमधाम से नागपंचमी का पर्व मनाया जा रहा है।
रायपुर, 21 अगस्त भगवान भोलेनाथ के अतिप्रिय सावन माह के आज शुक्ल पक्ष के पंचमी
के अवसर पर धूमधाम से नागपंचमी का पर्व मनाया जा रहा है। मान्यता है कि आज के दिन विधि-
विधान के साथ नदी, सरोवन के तट पर बैठकर भोलेनाथ व नागराज की पूजा करने से कुंडली में बने
पितृदोषी और कालसर्प जैसे भयंकर दोषों से मुक्ति मिल जाती है।
हिंदू पंचांग के अनुसार श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी का त्योहार मनाया
जाता है। हिंदू धर्म में नाग पंचमी एक प्रमुख त्योहार है और यह पर्व सावन के महीने में मनाया जाता
है। सावन का महीना भगवान शिव का सबसे प्रिय माह होता है। जिसमें भगवान शिव और माता पार्वती
की विशेष रूप से पूजा आराधना होती है।
भगवान शिव के गले में नाग देवता हमेशा लिपटे रहते हैं और
नाग भगवान शिव को बहुत ही प्रिय होते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार नाग पंचमी पर नाग देवता
की पूजा-उपासना करने पर नाग देवता के साथ भोलेभंडारी भी अत्यंत प्रसन्न होते हैं। नाग पंचमी के पर्व
पर सभी प्रमुख नाग मंदिरों में नाग देवता की पूजा होती है।
जिन लोगों की कुंडली में कालसर्प संबंधी
दोष होता है तो इससे मुक्ति पाने के लिए नाग पंचमी के दिन उपाय किए जाते हैं। इस बार नाग पंचमी
बहुत ही शुभ योग में मनाई जा रही है। आइए नाग पंचमी के बारे में जानते हैं सब कुछ। इसके अलावा
जिन लोगों की कुंडली में कालसर्प दोष होता है
उन्हें नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा करने पर
इस दोष से छुटकारा मिलता है। नाग पंचमी पर सभी प्रमुख नाग मंदिरों में भारी भीड़ होती है। उज्जैन
का नागचंद्रेश्वर मंदिर वर्ष सिर्फ एक बार नाग पंचमी के दिन ही खुलता है। ऐसी मान्यता है कि यहां पर
नागदेवता की पूजा और दर्शन करने से कालसर्प खत्म हो जाता है। नाग पंचमी के दिन सांपो को दूध
अर्पित किया जाता है। नाग पंचमी के दिन अनंत, तक्षक, कालिया और वासुकि समेत सभी नागों की
पूजा की जाती है।