क्रिप्टो करेंसी की खरीद बिक्री पर होगी सख्ती
नई दिल्ली, । क्रिप्टो करेंसी के कारोबार पर भारत सख्ती करने की तैयारी कर रहा है। माना जा रहा है कि 14 से 16 जुलाई के बीच गुजरात के गांधीनगर में होने वाली जी-20 देशों की बैठक
नई दिल्ली, क्रिप्टो करेंसी के कारोबार पर भारत सख्ती करने की तैयारी कर रहा
है। माना जा रहा है कि 14 से 16 जुलाई के बीच गुजरात के गांधीनगर में होने वाली जी-20 देशों
की बैठक में भारत की पहल पर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) इस संबंध में नए नियमन
(रेगुलेशन) का मसौदा पेश कर सकता है।
बताया जा रहा है कि नए नियमन पर सहमति के लिए भारत सरकार की ओर से पहले ही जी-20
देशों के सदस्यों से बातचीत की जा चुकी है। इन सभी देशों की सहमति से ही आईएमएफ को नया
नियमन तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसलिए गांधीनगर की बैठक में इस नियमन को
मामूली फेरबदल के साथ स्वीकार किया जा सकता है।
गांधीनगर में होने वाली बैठक में अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन और फ्रांस समेत 19 देश शामिल होंगे।
इसके अलावा कुछ और यूरोपीय देशों को भी बैठक में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया जा
सकता है। क्रिप्टो करेंसी की खरीद बिक्री और लेन-देन पर तैयार किए जा रहे प्रस्तावित नियमन को
जी-20 की बैठक में सहमति के बाद ही लागू किया जाएगा। ये नियमन भारत समेत जी-20 के सभी
सदस्य देशों में एक साथ लागू हो जाएगा,
जिसके बाद क्रिप्टो करेंसी की खरीद बिक्री और उसके
जरिये होने वाले लेन देन को काफी हद तक नियमित किया जा सकेगा।
आपको बता दें कि भारत सरकार ने पहले क्रिप्टो करेंसी पर पूरी तरह से पाबंदी लगाने का मन
बनाया था। हालांकि इस पाबंदी से उन क्रिप्टो करेंसीज को बाहर रखने की योजना थी, जिन्हें
आधिकारिक तौर पर किसी देश के केंद्रीय बैंक ने जारी किया हो। आपको बता दें कि कई देशों के
केंद्रीय बैंक खुद भी लेन देन की प्रक्रिया को सुगम बनाने के लिए आधिकारिक क्रिप्टो करेंसी लाने की
योजना बना रहे हैं। भारतीय रिजर्व बैंक ने भी कुछ समय पहले इस बात के संकेत दिए थे कि वो
खुद भी अपनी क्रिप्टो करेंसी लाने की योजना पर विचार कर रहा है।
बताया जा रहा है कि भारत सरकार सभी गैर आधिकारिक क्रिप्टो करेंसी पर पाबंदी लगाने के पक्ष में
थी। इसके लिए मंत्रालय स्तर पर तैयारी भी शुरू कर दी गई थी। लेकिन दुनिया के कई देशों में
क्रिप्टो करेंसी से होने वाले लेन देन को मान्यता दे दी गई है, जिसकी वजह से जी-20 देश के
ज्यादातर सदस्य क्रिप्टो करेंसी पर पूर्ण पाबंदी लगाने के खिलाफ हैं।
जानकारों के मुताबिक पूर्ण पाबंदी की योजना की तैयारी करते वक्त इस तथ्य को भी महसूस किया
गया कि क्रिप्टो करेंसी पर पाबंदी लगाने से भी इसकी खरीद बिक्री पर पूरी तरह से लगाम लगा पाना
संभव नहीं है, क्योंकि इसके खरीदार इस करेंसी को दूसरे देश के नेटवर्क से ही आसानी से खरीद
सकते हैं। और तो और कई यूरोपीय देशों के नेटवर्क से क्रिप्टो करेंसी खरीदना भारत की तुलना में
आसान भी है।