कड़ी सुरक्षा के बीच सोमवार को होगा कानपुर ऐतिहासिक होली गंगा मेला
कानपुर, 12 मार्च (। आजादी के लिए हुई क्रांति से जुड़े औद्योगिक नगरी कानपुर के होली गंगा मेला की तैयारी पूरी हो चुकी है।
कानपुर, 12 मार्च आजादी के लिए हुई क्रांति से जुड़े औद्योगिक नगरी कानपुर के होली
गंगा मेला की तैयारी पूरी हो चुकी है।
सोमवार को कड़ी सुरक्षा के बीच गंगा मेला का उत्सव मनाया
जाएगा।
अंग्रेजों की हुकूमत के खिलाफ आजादी के दीवानों ने रंग लगाकर पांच दिनों तक आंदोलन
छेड़ा था।
होली से भी अधिक रंग इस दिन खेला जाता है। रोहिणी नक्षत्र के दिन कानपुर में सोमवार को हटिया
गंगा मेला, सरसैया घाट समेत विभिन्न स्थानों पर रंगों का पर्व मनाया जाता है। वर्ष 1942 से शुरू
हुआ यह महोत्सव 81 वर्ष बाद भी गंगा मेला उत्सव के रूप में मनाया जाता है।
सोमवार सुबह आठ बजे से पार्क में हुरियारे जुटेंगे। उसके तिरंगा फहराकर राष्ट्रगान के बाद गंगा
मेला महोत्सव का शुभारंभ होगा।
होली खेलने के लिए भैंसा, ठेला, ट्रैक्टर ट्राली, टेम्पो और ऊंट पर
सवार होकर रंग बरसाते निकलते हैं।
रंग का ठेला हटिया, गया प्रसाद लेन, मूलगंज, शिवाला,
रामनारायण बाजार चौराहा, कमला टावर
, चटाई मोहाल, सिरकी मोहाल, बिरहाना रोड, नयागांव,
जनरलगंज होते हुए हटिया लौटेगा।
हटिया होली मेला संयोजक ज्ञानेंद्र विश्नोई ने बताया कि 1942 में अंग्रेजों ने होली खेलने से मना कर
दिया था। बावजूद, इसके लोगों ने होली खेली। इसके विरोध में अंग्रेजों ने 47 लोगों को जेल में बंद
कर दिया। इसमें क्रांतिकारी नौजवान स्व. गुलाब चन्द्र सेठ, बुद्धि लाल मेहरोत्रा, नवीन शर्मा,
विश्वनाथ टंडन,
हमीद खान, गिरिधर शर्मा आदि को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तारी के विरोध में
कानपुर के सभी बाजार बंद कर दिए गए।
मजदूर, साहित्यकार, व्यापारी और आम जनता ने जहां
अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ आंदोलन छेड़ दिया। बाद में अंग्रेजों ने सभी को छोड़ा दिया था।