कृतज्ञ राष्ट्र ने दी डॉ. भीमराव अंबेडकर को भावभीनी श्रद्धांजलि

नई दिल्ली, 14 अप्रैल । राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के नेतृत्व में शुक्रवार को कृतज्ञ राष्ट्र ने संविधान निर्माता डॉक्टर भीमराव अंबेडकर को उनकी 132 वीं जयंती पर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।

कृतज्ञ राष्ट्र ने दी डॉ. भीमराव अंबेडकर को भावभीनी श्रद्धांजलि

नई दिल्ली, 14 अप्रैल राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के नेतृत्व में शुक्रवार को कृतज्ञ राष्ट्र ने


संविधान निर्माता डॉक्टर भीमराव अंबेडकर को उनकी 132 वीं जयंती पर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित
की।


मुख्य समारोह आज संसद भवन परिसर में डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा के समक्ष आयोजित किया गया।
श्रीमती मुर्मू ने डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, पूर्व


राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, कांग्रेस अध्यक्ष
मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद


पवार और कई अन्य केंद्रीय मंत्रियों तथा गणमान्य व्यक्तियों ने भी संविधान निर्माता को भावभीनी
श्रद्धांजलि दी।


संसद भवन परिसर में हजारों लोग भी डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा पर अपने श्रद्धासुमन अर्पित करने
पहुंचे। इस अवसर पर प्रतिमा के समक्ष बौद्ध मंत्रोच्चार भी किया गया।


इससे पहले श्रीमती मुर्मू ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘हमारे संविधान के शिल्पकार बाबासाहब भीमराव
रामजी आंबेडकर के जन्मदिवस के अवसर पर मैं सभी देशवासियों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं
देती हूं।”


उन्हाेंने अपने संदेश में कहा कि समाज के वंचित समुदाय को मुख्यधारा में लाने के लिए उनका
‘शिक्षित बनो, संगठित रहो, और संघर्ष करो’- का मूलमंत्र समाज के लिए सदा उपयोगी रहेगा। उन्होंने


कहा, “कानून के शासन में उनकी अडिग आस्था और सामाजिक एवं आर्थिक समानता के लिए
प्रतिबद्धता हमारे लोकतंत्र का संबल है। आइए, इस अवसर पर हम अम्बेडकर के आदर्शों और जीवन


मूल्यों को अपनाने का संकल्प लें और एक समतावादी एवं समृद्ध राष्ट्र और समाज बनाने के लिए
आगे बढ़ते रहें।”


राष्ट्रपति ने डॉ. अंबेडकर को ज्ञान का प्रतीक और विलक्षण प्रतिभा का धनी बताया। उन्होंने कहा कि


डॉ. अंबेडकर ने प्रतिकूल परिस्थितियों में भी राष्ट्र के कल्याण के लिए कार्य किया और ज्ञान की
अलख जगाई।


श्री धनखड़ ने डॉ. अंबेडकर को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि वह बौद्धिक संपदा के धनी, विधिवेत्ता,
समाज सुधारक और सच्चे राष्ट्रवादी थे।

उन्होंने विधि के शासन के लिए जीवन भर संघर्ष किया और
समानता लाने के अथक प्रयास किए।


श्री मोदी ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘समाज के वंचित और शोषित वर्ग के सशक्तिकरण के लिए अपना
जीवन समर्पित करने वाले पूज्य बाबासाहेब को उनकी जयंती पर शत-शत नमन। जय भीम।”


देश के विभिन्न हिस्सों में भी डॉ. अंबेडकर की जयंती मनाये जाने की रिपोर्ट मिली है।


मध्य प्रदेश के महू में 14 अप्रैल, 1891 को जन्मे डॉ. अंबेडकर एक समाज सुधारक थे, जिन्होंने देश


में वंचित वर्गों के उत्थान के लिए अथक प्रयास किए। वह महिलाओं के अधिकारों और लैंगिक
समानता के भी प्रबल पक्षधर थे।