ट्विन टावर को गिराने में कड़ाई से हो सुरक्षा मानकों का पालन : योगी

लखनऊ, 26 अगस्त । यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नोएडा में सुपरटेक के ट्विन टावर को गिराने की प्रक्रिया में सुरक्षा मानकों का कड़ाई से अनुपालन करने के निर्देश दिए हैं।

ट्विन टावर को गिराने में कड़ाई से हो सुरक्षा मानकों का पालन : योगी

लखनऊ, 26 अगस्त )। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नोएडा में सुपरटेक के ट्विन टावर को
गिराने की प्रक्रिया में सुरक्षा मानकों का कड़ाई से अनुपालन करने के निर्देश दिए हैं।


ध्वस्तीकरण की तैयारियों की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि टावर ध्वस्त करने की पूरी प्रक्रिया में आस-
पास के आवासीय परिसर में निवासरत लोगों की सुरक्षा हर हाल में सुनिश्चित की जाए, साथ ही पर्यावरणीय


मानकों का भी ध्यान रखा जाए। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने डेढ़ दशक पुराने इस मामले के दोषियों के खिलाफ
कठोरतम कार्रवाई के निर्देश भी दिए हैं।

मुख्यमंत्री की समीक्षा के बाद अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त अरविंद कुमार ने विस्तृत दिशा-निर्देश
जारी कर दिए हैं। उन्होंने बताया कि 28 अगस्त को तय ट्विन टॉवर ध्वस्तीकरण की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।


एमराल्ड कोर्ट के 660 भवन और एटीएस विलेज के 762 भवनों को 28 अगस्त को सुबह ही खाली करा लिया
जाएगा। मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप ध्वस्तीकरण के दौरान ट्विन टॉवर के चारों ओर की सड़कों पर आवागमन


प्रतिबंधित रखा जाएगा साथ ही, सुरक्षा के दृष्टिगत नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे आधा घंटे बंद होगा।
ध्वस्तीकरण के कारण करीब 80,000 टन मलबा पैदा होगा।

इस मलबे को तय टाइमलाइन के अनुसार अगले तीन
माह में निस्तारित कर दिया जाएगा।


अरविंद कुमार ने बताया कि टॉवर के समीप स्थित गेल गैस पाइपलाइन की सुरक्षा सुनिश्चित की जा रही है।
एमरॉल्ड कोर्ट और एटीएस विलेज सोसाइटी के वाहनों को वैकल्पिक पाकिर्ंग व्यवस्था और बाग-बगीचों की सुरक्षा


की जाएगी। आईआईडीसी ने बताया कि ट्विन टावर को ध्वस्त किए जाने के लिए सीएसआईआर- सीबीआरआई के
सहयोग से मुम्बई की एडीफिस इंजीनियरिंग एजेंसी का चयन किया गया है। एजेंसी ने पूर्व में कोचीन में ऐसी ही
एक गगनचुंबी इमारत के सफलतापूर्वक ध्वस्तीकरण की कार्यवाही की है।
ध्वस्तीकरण के लिए वॉटर फॉल इम्प्लोजन तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा, जो कि डिजाइन के अनुसार
मनचाही दिशा में भवन को गिराने के लिए काफी उपयोगी मानी जाती है। बीते 10 अप्रैल को एक टेस्ट ब्लास्ट भी


किया गया था, जिसके नतीजों के आधार पर सीबीआरआई ने संशोधित ब्लास्ट डिजाइन तैयार की है। टावर को
ध्वस्त करने के लिए करीब 3700 किलोग्राम विस्फोटक सामग्री को स्टोर किया गया है। दोनों टावर में 9600 होल


किए गए हैं, जहां विस्फोटक को रखा जा चुका है और अब इन्हें चार्ज किया जा रहा है। 28 अगस्त को दोपहर में


ठीक 02:30 बजे एक बटन दबाने के महज 9 सेकेंड में 30 मंजिला टावर संख्या 16 और 31 मंजिला टावर संख्या
17 जमींदोज हो जाएगी।


ध्वस्तीकरण के बाद उत्पन्न हुए मलबे के निस्तारण के लिए ध्वस्तीकरण एजेंसी ने सीएंडडी वेस्ट मैनेजमेंट प्लान
तैयार किया है। कुल पैदा होने वाले अनुमानित 80,000 टन मलबे का सेग्रीगेशन स्थल पर ही किया जाएगा और


इस मलबे से स्टील व कंक्रीट को अलग किया जाएगा। करीब 50,000 टन मलबा ट्विन टॉवर के 2 बेसमेंट में
समायोजित करने की तैयारी है, जबकि शेष 30,000 टन मलबे को नोएडा में निर्मित सीएंडडी प्लांट में वैज्ञानिक


तरीके से प्रोसेस कर उसे टाइल्स आदि में परिवर्तित किया जाएगा। तय योजना के मुताबिक मलबे के निस्तारण की
यह पूरी कार्यवाही अगले तीन माह में पूरी कर ली जाएगी।


बहुमंजिली इमारत के गिराए जाने की कार्यवाही के बीच मुख्यमंत्री योगी ने पर्यावरणीय चुनौतियों का भी ध्यान
रखने के निर्देश दिए हैं। ऐसे में ध्वस्तीकरण के बाद वायु गुणवत्ता की जांच के लिए उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण


बोर्ड द्वारा 6 जगहों पर उपकरण लगाए जाएंगे। ध्वस्तीकरण के फलस्वरूप जमा हुए मलबे के सेग्रीगेशन के समय
पैदा होने वाली धूल से एमरॉल्ड टॉवर और एटीएस विलेज को बचाने के लिए 12 मीटर ऊंची जियो फाइबर क्लॉथ


का उपयोग होगा। तो, धूल को साफ करने के लिए वॉटर टैंकर, स्प्रिंकलर तथा स्मॉग गन का उपयोग भी किया


जाएगा। लगभग दो किलोमीटर के दायरे में आने वाली सड़क के लिए स्वीपिंग मशीन भी लगाई जाएगी साथ ही
अन्य सफाई कर्मी भी तैनात होंगे।