भ्रष्टाचार के खिलाफ निर्णायक संग्राम में मोदी ने लाल किले से जनता का मांगा आशीर्वाद
नई दिल्ली, 15 अगस्त । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि भारत भ्रष्टाचार के खिलाफ निर्णायक लड़ाई के दौर में कदम रख चुका है।
नई दिल्ली, 15 अगस्त (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि भारत भ्रष्टाचार के खिलाफ
निर्णायक लड़ाई के दौर में कदम रख चुका है। इस लड़ाई में उन्होंने देश के हर नागरिक से साथ और आशीर्वाद
मांगते हुए कहा कि भ्रष्टाचारियों के प्रति किसी प्रकार की उदारता किसी भी देश को शोभा नहीं देती।
श्री मोदी ने 76वें स्वाधीनता दिवास पर लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र के नाम अपने नौवें संबोधन में युवा पीढ़ी से
अगले 25 वर्ष में देश को विकसित राष्ट्र के लक्ष्य को पूरा करने का आह्वान करते हुए भ्रष्टाचार, परिवारवाद और
भाई-भतीजावाद को देश की प्रगति और उसके लक्ष्यों की राह की दो बड़ी चुनौती बताया और कहा कि भ्रष्टाचार ने
देश में सामान्य लोगों की जिंदगी तबाह कर रखी है, यह देश को दीमक की तरह खोखला कर रहा है, इसको
समाप्त करके हमें योग्यता के साथ आगे बढ़ना है।
उन्होंने भष्टाचारियों के प्रति कोई उदारता न रखने तथा भ्रष्टाचार के प्रति वितृष्णा दिखाने की जरूरत बताया और
कहा कि तभी यह गंदगी दूर होगी।
श्री मोदी ने इन बुराइयों के खिलाफ अपनी सरकार के संकल्प का एलान करते हुए कहा, “अब भ्रष्टाचार के
खिलाफ मैं साफ देख रहा हूं कि हम एक निर्णायक कालखंड में कदम रख रहे हैं। बड़े-बड़े भी बच नहीं पाएंगे।”
उन्होंने कहा, ‘‘इस 25 वर्ष का अमृतकाल (के लक्ष्यों) के लिए जब हम चर्चा करते हैं, तब मैं जानता हूं,चुनौतियां
अनेक हैं, मर्यादाएं अनेक हैं, मुसीबतें भी हैं, बहुत कुछ है, हम इसको कम नहीं आंकते, लेकिन दो विषयों की तो मैं
यहां पर चर्चा करना चाहता हूं, मैं मानता हूं हमारी इन सारी चुनौतियों के कारण, विकृतियों के कारण, बीमारियों के
कारण इस 25 साल का अमृत काल उस पर शायद अगर हमने समय रहते नहीं चेते, समय रहते समाधान नहीं
किए तो ये विकराल रूप ले सकते हैं। इसमें एक है, भ्रष्टाचार और दूसरा है भाई-भतीजावाद, परिवारवाद।”
श्री मोदी ने कहा कि हिन्दुस्तान की राजनीति और सभी संस्थाओं की शुद्धिकरण के लिए देश को इस
परिवारवादी मानसिकता से मुक्ति दिला कर योग्यता के आधार पर देश को आगे ले जाने की ओर बढ़ना होगा।
श्री मोदी ने जांच एजेंसियों की छापामारी में भारी नकदी बरामद होने के मामलों की ओर संकेत करते हुए कहा,“
एक तरफ वे लोग हैं जिनके पास रहने के लिए जगह नहीं है। दूसरी ओर वे लोग हैं जिनको अपना चोरी किया हुआ
माल रखने के लिए जगह नहीं है। यह स्थिति अच्छी नहीं है दोस्तों।”
श्री मोदी ने ऐसी स्थिति से निपटने के लिए भ्रष्टाचार के खिलाफ पूरी ताकत से लड़ने की जरूरत पर बल दिया।
उन्होंने भ्रष्टचार रोकने के कदमों का जिक्र करते हुए कहा कि पिछले आठ वर्षों में विभिन्न योजनाओं का धन खाते
में सीधे भेजने (डीबीटी) से दो लाख करोड़ रुपये गलत हाथों में जाने से बचा है और उसे देश की भलाई के लिए
लगाने में सफलता मिली है।
उन्होंने कहा, ‘‘जो लोग पिछली सरकारों में बैंकों को लूट-लूट कर के भाग गए, उनकी सम्पत्तियां जब्त कर के
वापिस लाने की कोशिश कर रहे हैं। कई लोगों को जेलों में जीने के लिए मजबूर कर के रखा हुआ है। हमारी
कोशिश है जिन्होंने देश को लूटा है उनको लूट की सम्पत्ति लौटनी पड़े। वह स्थिति हम पैदा करेंगे।”
उन्होंने कहा, ‘‘भ्रष्टाचार के खिलाफ हम एक निर्णायक कालखंड में कदम रख रहे हैं कि अब (इसमें लिप्त) बड़े-बड़े
लोग भी बच नहीं पाएंगे।”
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘भ्रष्टाचार दीमक की तरह देश को खोखला कर रहा है। मुझे इसके खिलाफ लड़ाई लड़नी है,--
मेरे 130 करोड़ देशवासी, आप मुझे आशीर्वाद दीजिए, आप मेरा साथ दीजिए, मैं आज आप से साथ मांगने आया
हूं, ताकि मैं इस लड़ाई को लड़ पाऊं। इस लड़ाई को देश जीत पाए क्यों कि सामान्य नागरिक की जिंदगी
भ्रष्टाचार ने तबाह करके रखी हुई है।”