10 साल बाद क्राइम ब्रांच ने पकड़ा प्रेमिका का हत्यारोपी मिस्त्री
गाजियाबाद, 05 अप्रैल (करीब 10 साल पूर्व अवैध संबंधों के शक में प्रेमिका की हत्या कर शव को गटर में डालकर भाग जाने वाले हत्यारोपी को पुलिस कमिश्नरेट की क्राइम ब्रांच टीम ने गिरफ्तार किया है।
गाजियाबाद, 05 अप्रैल करीब 10 साल पूर्व अवैध संबंधों के शक में प्रेमिका की हत्या
कर शव को गटर में डालकर भाग जाने वाले हत्यारोपी को पुलिस कमिश्नरेट की क्राइम ब्रांच टीम ने
गिरफ्तार किया है। पुलिस का कहना है कि वर्ष 2013 में आरोपी ने कविनगर थानाक्षेत्र में रहने वाली
अपनी शादीशुदा प्रेमिका की अवैध संबंधों के शक में कुल्हाड़ी से काटकर हत्या कर दी थी और शव
को गटर में ठिकाने लगाकर वह फरार हो गया था। फरारी के चलते आरोपी की गिरफ्तारी पर 50
हजार रुपए का ईनाम घोषित किया गया था।
एडीसीपी क्राइम सचिदानंद ने बताया कि थाना रामनगर जिला बाराबंकी के गांव मनौरा निवासी सूरज
वर्ष 2013 में कविनगर थानाक्षेत्र के गांव महरौली में परिवार के साथ किराए के मकान में रहता था।
वह कविनगर क्षेत्र की ही एक कंपनी में काम करता था। उसकी पत्नी सरिता अवंतिका स्थित
इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल में साफ-सफाई का काम करती थी। 11 नवम्बर 2013 की शाम करीब 4
बजे सरिता संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हो गई।
पति सूरज शाम साढ़े 7 बजे घर लौटा तो बच्चों ने बताया कि सरिता मकान मालिक के यहां झाड़ू-
पोंछा लगाने गई है। वहां पता करने पर भी सरिता का कुछ पता नहीं चला। अगले दिन 12 नवम्बर
2013 को सूचना मिली कि मोहल्ले में ही रहने वाले पवन के घर के गटर में एक महिला की लाश
मिली है। सूरज ने जाकर देखा तो शव उसकी पत्नी सरिता की थी। एडीसीपी ने बताया कि
लक्खीसराय बिहार के गांव खर्रा कसोद निवासी रविन्द्र यादव पवन के मकान में किराए पर रहता
था। वह मौके से फ रार था, लिहाजा सूरज ने रविन्द्र पर पत्नी की हत्या का शक जाहिर करते हुए
12 नवम्बर 2013 को कविनगर थाने में हत्या का केस दर्ज कराया था।
एडीसीपी क्राइम सच्चिदानंद ने बताया कि सरिता की हत्या के आरोप में क्राइम ब्रांच की टीम ने
बिहार निवासी रविन्द्र यादव को गिरफ्तार किया है। पूछताछ में उसने बताया कि वर्ष 2013 में वह
महरौली निवासी पवन के मकान में पत्नी समेत किराए पर रहकर टाइल्स.पत्थर लगाने का काम
करता था। उसकी जान-पहचान सूरज की पत्नी सरिता से हो गई थी। वह घरों में झाड़ू.पोंछा लगाने
का काम करती थी। बाद में उसने सरिता की नौकरी अवंतिका के स्कूल में लगवा दी थी। इसके बाद
सरिता से उसके संबंध हो गए। रविन्द्र ने पुलिस को बताया कि उसकी पत्नी गांव चली गई थी,
जिसके चलते वह सरिता को ज्यादा समय देने लगा। इसी बीच उसे शक हुआ कि सरिता अन्य लोगों
से भी संपर्क में है।
एडीसीपी क्राइम के अनुसार आरोपी रविन्द्र यादव ने पूछताछ में बताया कि अन्य लोगों से संबंधों का
पता लगने पर उसने सरिता का विरोध किया था, लेकिन वह नहीं मानी। ज्यादा टोका.टोकी करने पर
सरिता ने उसे हत्या कराने की धमकी दी थी। हत्यारोपी ने बताया कि एक बार सरिता ने उसे बुरी
तरह पिटवाया और दूसरी बार चाय में जहर डाल मारने की कोशिश की थी। हालांकि, उसने सरिता
को जहर डालते हुए देख लिया था, जिसके चलते उसने चाय नहीं पी और जान बच गई। रविन्द्र ने
बताया कि दोनों घटनाओं के बाद उसे डर लगने लगा था कि अगर सरिता को रास्ते से नहीं हटाया
तो वह उसकी हत्या करा देगी। इसी के चलते उसने सरिता को घर बुलाकर कुल्हाड़ी से हत्या कर दी
और शव गटर में छिपाकर भाग गया।
क्राइम ब्रांच प्रभारी अब्दुर रहमान सिद्दीकी ने बताया कि सरिता की हत्या करने के बाद रविन्द्र
यादव बिहार में अपने गांव पहुंच गया था। कुछ दिन रहने के बाद वह वहां से पंजाब के कपूरथला
चला गया। करीब तीन साल बाद वह पत्नी को कुछ पैसे देने के लिए गांव गया। इस दौरान उसने
पत्नी का मोबाइल ले लिया और झारखंड चला गया। क्राइम ब्रांच प्रभारी का कहना है कि आरोपी ने
पकड़ में आने से बचने के लिए न तो आज तक अपना आधार कार्ड बनवाया और न ही बैंक में खाता
खुलवाया। उधर, फ रार होने के चलते रविन्द्र पर 50 हजार का ईनाम घोषित किया गया था।
तकनीकी स्तर से जांच में रविन्द्र की पत्नी का मोबाइल नंबर मिला, जिसे रविन्द्र इस्तेमाल कर रहा
था। इसके बाद घेराबंदी करते हुए रविन्द्र को गिरफ्तार कर लिया गया।