ई रिक्शा के नीचे दबी मासूम बहनें
गाजियाबाद, 18 मार्च (नगर कोतवाली क्षेत्र के पक्की मोरी इलाके में गैस सिलेंडरों से लदे ई.रिक्शा के पलट जाने से दो मासूम बच्चियां दब गईं।
गाजियाबाद, 18 मार्च ( नगर कोतवाली क्षेत्र के पक्की मोरी इलाके में गैस सिलेंडरों से लदे
ई.रिक्शा के पलट जाने से दो मासूम बच्चियां दब गईं। जिनमें से 6 वर्षीय बच्ची की मौत हो गई।
जबकि उसकी बहन की हालत भी गंभीर बनी हुई है। बताया गया है कि बाइक सवार को टक्कर
मारकर अनियंत्रित हुए ई.रिक् शा के पलटने से यह हादसा हुआ। हादसे के बाद आरोपी चालक ई.रिक्
शा को मौके पर छोडक़र फरार हो गया। परिजनों द्वारा घायल बच्ची को अस्पताल में भर्ती कराया
गया है। जहां उसकी हालत भी नाजुक बनी हुई है। पुलिस का कहना है कि मृतक बच्ची के मामा की
शिकायत पर केस दर्ज कर आरोपी चालक की तलाश शुरू कर दी गई है।
पक्की मोरी डासना गेट निवासी आमिर कुरैशी का कहना है कि दिल्ली में रहने वाली उनकी बहन
नफीसा 16 मार्च को अपनी दो बेटियों 6 वर्षीय अलीना तथा 3 वर्षीय आइशा को लेकर उनके घर
आई थीं। अगले दिन शुक्रवार शाम करीब 4 बजे घर के बाहर खड़ी थीं। उसी दौरान सिलेंडर से लदा
ई.रिक्शा तेज रफ्तार में वहां से गुजरा। बाइक सवार को टक्कर मारने के बाद ई.रिक्शा अनियंत्रित
होकर उनकी भांजियों अलीना और आइशा के ऊपर पलट गया। ई.रिक्शा के नीचे दबकर अलीना की
मौके पर मौत हो गई, जबकि आइशा गंभीर रूप से घायल हो गई। हादसे के बाद आरोपी चालक
ई.रिक्शा मौके पर छोडक़र फ रार हो गया। घटना के बाद स्थानीय लोगों में अफ रा.तफ री मच गई।
नीचे दबी बच्चियों को ई.रिक्शा के निकालकर अस्पताल ले जाया गया, जहां अलीना को मृत घोषित
कर दिया गया। जबकि आइशा की हालत नाजुक बनी हुई है।
आमिर कुरैशी का कहना है कि ई.रिक्शा में अनाधिकृत रूप से कमला गैस एजेंसी के सिलेंडर लदे हुए
थे। गौर करने वाली बात यह है कि ई.रिक्शा पर रजिस्ट्रेशन नंबर भी नहीं था। वहीं, हादसे के बाद
पीडि़त परिवार में कोहराम मचा हुआ है। घटना के संबंध में आमिर कुरैशी ने नगर कोतवाली में
शिकायत दी। एसीपी कोतवाली अंशु जैन का कहना है कि केस दर्ज कर ई.रिक्शा के चालक की
तलाश की जा रही है। आमिर कुरैशी ने बताया कि उनकी दूसरी बहन का रिश्ता तय हो चुका है। 20
मार्च को उसका रोका होना था। उसी में शामिल होने के लिए बड़ी बहन नफसा अपनी दोनों
बच्चियों के साथ आई थी। लेकिन, आने के अगले ही दिन घटना हो गई, जिससे परिवार की खुशियां
मातम में बदल गईं। बच्ची के परिजनों का रो.रोकर बुरा हाल है।