एफसीआरए मंजूरी दिलाने के बदले गैर सरकारी संगठनों से पैसे वसूल रहे तीन गिरोह

नई दिल्ली, 11 मई ( केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पता लगाया है कि सरकारी अधिकारियों से मिलीभगत करके कम से कम तीन गिरोह गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) को त्वरित गति से एफसीआरए मंजूरी

एफसीआरए मंजूरी दिलाने के बदले गैर सरकारी संगठनों से पैसे वसूल रहे तीन गिरोह

नई दिल्ली, 11 मई ( केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पता लगाया है कि सरकारी अधिकारियों से मिलीभगत
करके कम से कम तीन गिरोह गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) को त्वरित गति से एफसीआरए मंजूरी दिलाने के


बदले उनसे पैसे ऐंठ रहे हैं। एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि इस मामले में सीबीआई
जांच के आदेश दिये गये हैं।


मंत्रालय को पता चला कि ये गिरोह एनजीओ से ‘समस्या समाधान शुल्क’ के रूप में यह वसूली कर रहे हैं।
एनजीओ को विदेश से चंदा लेने के लिए विदेशी चंदा विनियमन कानून (एफसीआरए) के तहत मंजूरी लेना जरूरी
है।


देशव्यापी छापेमारी के तहत सीबीआई ने मंगलवार को 40 ठिकानों पर तलाशी लेने के बाद गिरोह में शामिल होने
के शक में 14 लोगों को हिरासत में लिया जिनमें गृह मंत्रालय के अधिकारी, एनजीओ के प्रतिनिधि और कथित
बिचौलिये शामिल हैं।


केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने गत 29 मार्च को सीबीआई के साथ साझा किया था कि कम से कम तीन गिरोह
हैं, जो सरकारी अधिकारियों से साठगांठ करके एफसीआरए मंजूरी दिलाने के काम में शामिल हैं।


अधिकारियों ने कहा कि ये गिरोह नये पंजीकरण (रजिस्ट्रेशन) और नवीनीकरण (रिन्यूअल) को लेकर आवेदन की
प्रक्रिया में आने वाली समस्याओं के समाधान के लिए पैसे लेते हैं।


भल्ला ने सीबीआई निदेशक सुबोध कुमार जायसवाल को बताया कि सरकार ने कथित धोखाधड़ी की गहन जांच के
लिए मंजूरी दे दी है। भल्ला ने निदेशक से अनुरोध किया कि वह इस मामले में जरूरी कार्रवाई करें।


केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को मामले से अवगत कराए जाने के बाद गृह सचिव ने सीबीआई प्रमुख को एक पत्र
लिखकर बताया कि गृह मंत्री ने गिरोह में शामिल लोगों के खिलाफ तुरंत और कठोर से कठोर कार्रवाई करने के
आदेश दिये हैं।


सीबीआई ने अपनी जांच में पाया कि एफसीआरए के नियमों का उल्लंघन करके गैर सरकारी संगठनों के विदेशी चंदे
को मंजूरी दिलाने में सहयोग करने के एवज में कई अधिकारी घूस लेने में कथित तौर पर शामिल थे। यह
जानकारी जांच एजेंसी के अधिकारियों ने दी।

सीबीआई ने दिल्ली, चेन्नई, हैदराबाद, कोयम्बटूर, मैसूरु और राजस्थान के कुछ ठिकानों पर छापेमारी की थी। जांच
में सीबीआई ने पाया कि दो करोड़ रुपये मूल्य का हवाला लेन-देन हुआ है।