कोविड-19 के साथ-साथ बढ़ते डेंगू के मामले दिल्लीवालों को डराने वाले है : चौ. अनिल कुमार
नई दिल्ली, 29 जुलाई दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौ. अनिल कुमार ने कहा कि दिल्ली नगर निगम के एकीकरण के बाद जनसुविधाओं और स्वास्थ्य सेवाओं की पूरी तरह अनदेखी हो रही है जबकि और राजधानी में इस वर्ष 23 जुलाई तक डेंगू के 159 मामले सामने आना दिल्लीवालों को डराने वाला है।
नई दिल्ली, 29 जुलाई दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौ. अनिल कुमार ने कहा कि दिल्ली
नगर निगम के एकीकरण के बाद जनसुविधाओं और स्वास्थ्य सेवाओं की पूरी तरह अनदेखी हो रही है जबकि और
राजधानी में इस वर्ष 23 जुलाई तक डेंगू के 159 मामले सामने आना दिल्लीवालों को डराने वाला है। क्योंकि भारी
बारिश से हुए जल भराव के बाद दिल्ली नगर निगम और दिल्ली सरकार जल जनित बीमारियों के फैलने से रोकने
में पूरी तरह गैर जिम्मेदाराना रवैया अख्तियार किया हुआ है जबकि दिल्ली नगर निगम की रिपोर्ट के अनुसार
राजधानी में डेंगू के 159 मामलों के साथ-साथ चिकुनगुनिया 8 और मलेरिया के 29 मामले सामने आए हैं।
चौ. अनिल कुमार ने कहा कि डेंगू के अधिकतर मामले जुलाई से नवम्बर-दिसम्बर तक अधिक संख्या में आते है
परंतु दिल्ली नगर निगम और दिल्ली सरकार के एंटी मलेरिया विभाग ने जुलाई महीना खत्म होने को है परंतु अभी
तक न ही फोंगिग की जा रही है न ही नालियों में मच्छर न पैदा हो इसके लिए दवाईयों का छिड़काव किया गया
है। उन्होंने कहा कि यह कोई नई बात नही है भाजपा और आम आदमी पार्टी की सरकार पूर्व में भी जन जनित
बीमारियों पर अंकुश लगाने में विफल साबित रही है। पिछले वर्ष 2021 में तो डेंगू के 9613 मामले सामने आए थे
जा 2015 के बाद सबसे अधिक था और 23 लोगों की मौत हुई थी, यह आंकड़ा 2016 के बाद से सर्वाधिक था।
चौ. अनिल कुमार ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल दिल्ली में विश्व स्तरीय विकास और
स्वास्थ्य व्यवस्था का जा गुणगान करते है वह पूरी तरह निराधार है, क्योंकि गली-गली मौहल्ला क्लीनिक खोलने,
सरकारी डिस्पेंरियां होने व अस्पतालों होने के बावजूद डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों का राजधानी में प्रसार
साबित करता है कि दिल्ली में स्वास्थ्य सेवाऐं ध्वस्त हो चुकी है
जिसका जीता जागता उदाहरण कोविड-19
महामारी के दौरान 2020-2021 में दिल्लीवालों के सामने आ चुका है।
चौ. अनिल कुमार ने कहा कि दिल्ली नगर निगम रिपोर्ट जारी करके बेशक इसपर वाहवाही लूटना चाहती हो, परंतु
अभी जुलाई का महीना बीता है, डेंगू, मलेरिया के मामले अगस्त से मध्य दिसम्बर तक व चिकुनगुनिया के मामले
फरवरी तक अधिक सामने आते है। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि दिल्ली नगर निगम और दिल्ली सरकार को समय
रहते जल जनित डेंगू और मलेरिया पर नियत्रंण पाने के लिए दवाईयों का छिड़काव और फोगिंग के लिए अभियान
चलाने की जरुरत है ताकि दिल्लीवालों का इन बीमारियों से बचाव किया जा सकें। उन्होंने कहा कि दिल्ली नगर
निगम पर जब से भाजपा का शासन है
सफाई व्यवस्था हमेशा चिंता का विषय रहा है। हर जगह फैले कचरे के ढेरों
और भरी नालियों में पैदा हुए भरमार मच्छरों के कारण डेंगू,
चिकनगुनिया और मलेरियां जैसी बीमारिया कभी भी
दिल्ली का साथ नही छोड़ पाई।
चौ. अनिल कुमार ने कहा कि स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के प्रति दिल्ली सरकार की लापरवाही इसी बात से व्यक्त होती
है कि नेशनल वेक्टर बोर्न डिसीज़ (एनवीबीडीसीपी) प्रोग्राम के तहत 2021-22 के लिए आवंटित बजट को 98
प्रतिशत घटा केवल 10 लाख कर दिया है जबकि पिछले वर्ष स्वास्थ्य विभाग द्वारा 50 करोड़ बजट का आंवटन
हुआ था जिसमें केवल 1.21 करोड़ रुपये ही खर्च किया गया। उन्होंने कहा कि केजरीवाल ने डेंगू जागरुकता
अभियान 10 मिनट-10 बजे-10 हफ्ते के तहत केवल अपना चेहरा चमकाने का ही काम किया, जबकि पिछले वर्ष
रिकार्डतोड़ डेंगू के मामलें सामने आए थे।