गुजरात का सहकारिता आंदोलन गर्व की बात : अमित शाह
गोधरा (गुजरात), 29 मई केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने रविवार को कहा कि गुजरात में सहकारिता आंदोलन गर्व की बात है।
गोधरा (गुजरात), 29 मई (। केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने रविवार को कहा कि गुजरात में
सहकारिता आंदोलन गर्व की बात है।
उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि अमूल डेयरी सहकारी ब्रांड के कारोबार के
आंकड़ों से दूसरे देशों के कुछ मंत्री कैसे हैरान रह गए।
गोधरा स्थित पंचामृत डेयरी (पंचमहल जिला सहकारी दुग्ध उत्पादक संघ लिमिटेड) द्वारा मध्य प्रदेश के उज्जैन
और महाराष्ट्र के मालेगांव में स्थापित दो संयंत्रों समेत अन्य परियोजनाओं का डिजिटल तरीके से उद्घाटन करने के
बाद शाह यहां पंचमहल जिले में दुग्ध उत्पादकों की एक बड़ी सभा को संबोधित कर रहे थे। शाह ने कहा, ‘‘आज
गुजरात में सहकारिता आंदोलन गर्व की बात है।’’
मंत्री ने कहा कि देश और विदेश के नेता तब हैरान रह जाते हैं जब वह उन्हें अमूल या गुजरात कोऑपरेटिव मिल्क
मार्केटिंग फेडरेशन (जीसीएमएमएफ) के बारे में बताते हैं।
जीसीएमएमएफ राज्य में 18 जिला दुग्ध सहकारी संघों का संगठन है, जिसके 36.4 लाख सदस्य हैं।
शाह ने कहा, ‘‘ऑस्ट्रेलिया और नीदरलैंड के दो मंत्रियों ने मुझे बताया कि उन्होंने मेरे द्वारा (अमूल पर) उपलब्ध
कराए गए डेटा को एक वेबसाइट पर क्रॉस-चेक किया कि यह सही है या नहीं। इतना बड़ा सहकारिता
आंदोलन…
सहकारिता आंदोलन के जरिए 60,000 करोड़ रुपये का कारोबार, इसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की
थी।’’
उन्होंने कहा कि केंद्र में कांग्रेस के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती सरकार ने सहकारिता क्षेत्र के नेताओं के अनुरोधों की
अनदेखी की। शाह ने कहा कि सहायता की तो बात ही छोड़ दें, पिछली कांग्रेस सरकार ऐसा माहौल बनाने में भी
विफल रही, जहां सहकारी संस्थाओं के साथ अन्याय न हो।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘इस क्षेत्र को प्राथमिकता देने के लिए (प्रधानमंत्री) नरेंद्र भाई मोदी ने सहकारिता मंत्रालय का
गठन किया। उन्होंने सहकारी समितियों के लिए बजट सात गुना बढ़ाया। चीनी क्षेत्र में कुछ कर को हटा दिया, मैट
(न्यूनतम वैकल्पिक कर) को 18 प्रतिशत से घटाकर 15 और सहकारी संगठनों पर अधिभार 12 प्रतिशत से घटाकर
सात प्रतिशत कर दिया।’’
मंत्री ने 70 वर्षों के शासन में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को संवैधानिक दर्जा प्रदान नहीं करने पर विपक्षी दल
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी नीत सरकार ने 123वें संशोधन (संविधान में) के माध्यम से इसे
किया। शाह ने कहा कि केंद्र की कई कल्याणकारी योजनाएं ओबीसी, दलित और आदिवासियों के लिए हैं।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि नरेंद्र मोदी नीत सरकार ने अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए कई सुधार किए हैं और 123वें
संविधान संशोधन विधेयक के बारे में बात की, जो राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (एनसीबीसी) को संवैधानिक दर्जा
देता है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सहकारी समितियों को कम्प्यूटरीकृत करने और उन्हें सीधे राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास
बैंक (नाबार्ड) से जोड़ने के लिए एक परियोजना लेकर आया है, जिसके लिए 6,500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया
गया है। शाह ने कहा, ‘‘मैं सहकारिता मंत्री के रूप में आपको बताना चाहता हूं कि सहकारिता मंत्रालय के माध्यम
से मोदी जी के नेतृत्व में अगले पांच साल में क्षेत्र में एक बड़ी क्रांति होने वाली है।’’
शाह ने कहा कि इस दिशा में डेटाबेस बनाना, प्रशिक्षण, कर में कमी और मौजूदा कानूनों में सुधार समेत कई कदम
उठाए जा रहे हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पंचामृत डेयरी के लिए जिन परियोजनाओं का उन्होंने उद्घाटन किया, वे
गुजरात के पंचमहल, महीसागर और दाहोद जिलों में सहकारी आंदोलन को मजबूत करेंगी।
उन्होंने तीनों जिलों के दुग्ध उत्पादकों से भी तेजी से प्राकृतिक खेती अपनाने की अपील की और बताया कि अमूल
ने भूमि (जैविक खेती के लिए) तथा जैविक उत्पादों की जांच के लिए प्रयोगशालाएं स्थापित करने का लक्ष्य रखा है।
शाह ने गोधरा में पंचमहल जिला सहकारी बैंक के नवनिर्मित भवन का भी उद्घाटन किया और जिले के ग्रामीण
क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए मोबाइल एटीएम वैन सेवा की शुरुआत की।