चूड़ियां क्यों पहनती है भारतीय महिलाएं? धार्मिक मान्यताओं के साथ छिपा है साइंटिफिक कारण
हर सुहागन महिलाएं चूड़ियां पहनती है। यह सुहाग की निशानी मानी जाती है। लेकिन क्या आपको पता है चूड़ियां पहनने के पीछे कई साइंटिफिक कारण भी है। आज इस लेख में हम आपको इसके बारे में बतांएगे।
हर सुहागन महिलाएं अपनी कलाई में चूड़ियां पहनती हैं। हाथों में चूड़ियां पहनना शुभ माना जाता है। चूड़ियां सुहाग की निशानी मानी जाती है। चूड़ियों को सोलह सिंगर में शामिल किया गया है। हाथों में चूड़ियां पहनना शादीशुदा होने की निशानी होती है। इस वजह से शादीशुदा महिलाएं अपनी कलाई सुनी नहीं रखती है। हाथों में चूड़ियां पहनना सुहागन स्त्री के लिए सौभाग्य की बात होती है। हालांकि आजकल के मॉडर्न युग में चूड़ियां पहनने का रिवाज कम होता दिख रह है। नई युग की महिलाएं अपने हाथों में चूड़ियां नहीं पहनती। लेकिन क्या आपको पता है कि हाथों में चूड़ियां पहनना केवल सुहाग की निशानी भर नहीं होती। धार्मिक मान्यताओं के साथ-साथ इसका साइंटिफिक कारण भी है। आज इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको इसके पीछे का कारण बताएंगे।
क्या है धार्मिक मान्यता?
हमारे देश की सभी सुहागन महिलाएं अपने हाथों में चूड़ियां पहनती है। हाथों में चूड़ियां पहनना यह दर्शाता है कि वह सुहागन है। मान्यता है की शादी के बाद चूड़ियां पहनने से अच्छी सेहत,किस्मत होती है। साथ ही घर में सुख समृद्धि आती है। लेकिन पारंपरिक मान्यताओं के अलावा इसका साइंटिफिक कारण भी है।
महिलाएं हाथों में क्यों पहनती है चूड़ियां?
महिलाओं के हाथों में चूड़ियां पहनने के पीछे कई साइंटिफिक कारण छुपे होते हैं। जिसे जान आप हैरान रह जाएंगे। जब महिलाएं हाथों में चूड़ियां पहनती है तो यह लगातार कलाई से टकराती रहती है। लगातार घर्षण होने की वजह से ब्लड सर्कुलेशन अच्छा रहता है। ब्लड सर्कुलेशन सही रहने के कारण शरीर में खून का संचार सही तरीके से होता है।
कलाई के पास कई एक्यू-प्रेशर पॉइंट्स होते हैं। जब महिलाएं हाथों में चूड़ियां पहनती है तो इन पॉइंट्स पर दबाव पड़ता है। जिससे उनका हार्मोनल बैलेंस रहता है। जब महिलाएं अपने हाथों में कांच की चूड़ियां पहनती है तो यह आपस में टकराते हैं। चूड़ियों के आपस में टकराने से उत्पन्न हुए आवाज से नेगेटिव एनर्जी दूर रहती है। इसलिए महिलाओं को चूड़ियां पहननी चाहिए।