लम्पी को रोकने पशुपालन विभाग को एक माह पहले मिली बजट राशि: पटेल
भोपाल, 21 सितंबर । मध्यप्रदेश के पशुपालन एवं डेयरी मंत्री प्रेम सिंह पटेल ने कहा कि सभी जिले पशु औषधियों का पर्याप्त भण्डार रखें, टीकाकरण सुनिश्चित करें।
भोपाल, 21 सितंबर (। मध्यप्रदेश के पशुपालन एवं डेयरी मंत्री प्रेम सिंह पटेल ने कहा कि
सभी जिले पशु औषधियों का पर्याप्त भण्डार रखें, टीकाकरण सुनिश्चित करें। पटेल की अध्यक्षता में
आज यहां हुई विभागीय बैठक में बताया गया कि लम्पी चर्म रोग के को देखते हुए वित्त विभाग ने
सभी जिलों में दवा खरीदी के लिये अगले माह जारी होने वाली राशि एक माह पूर्व ही आवंटित कर
दी है। पशुपालकों को लगातार जागरूक किया जा रहा है।
राज्य स्तर पर कंट्रोल रूप और टोल फ्री नम्बर की स्थापना की गई है। निरंतर निर्देश प्रसारित किये
जा रहे हैं। पशुपालकों से कहा गया है कि पशुओं को हल्का बुखार और लम्पी के लक्षण होते ही तुरंत
निकट के पशु चिकित्सालय-औषधालय या भोपाल स्थित कंट्रोल रूम के दूरभाष क्रमांक 0755-
2767583 पर और टोल फ्री नम्बर 1962 पर सम्पर्क करें। तुरंत इलाज मिलने से लम्पी ठीक हो
जाता है।
प्रदेश में अब तक 7 हजार 686 प्रभावित पशुओं में से 5 हजार 432 पशु लम्पी बीमारी से ठीक हो
चुके हैं। जानकारी दी गई कि उन पशुओं को बचा पाना मुश्किल हो जाता है जिनका इलाज देरी से
शुरू होता है या जो निमोनिया ग्रसित हो चुके होते हैं।
पशुपालन मंत्री ने बताया कि पड़ोसी राज्यों में लम्पी बीमारी होने की जानकारी आते ही सीमावर्ती
जिलों में तत्काल रोग-प्रतिरोधक और प्रतिबंधात्मक उठाये गये कदमों का परिणाम है कि मध्यप्रदेश
में लम्पी रोग बेकाबू नहीं हुआ। पटेल और अपर मुख्य सचिव श्री कंसोटिया ने विभागीय योजनाओं
की भी जिले और विकासखण्ड वार समीक्षा की।
संचालक डॉ. आर.के. मेहिया, प्रबंध संचालक राज्य पशुधन एवं कुक्कुट विकास निगम एच.बी.एस.
भदौरिया और प्रदेश के सभी संभागों और जिलों से आए हुए वरिष्ठ अधिकारी बैठक में मौजूद थे।
उज्जैन संभाग के संयुक्त संचालक ने बताया कि गत सप्ताह उज्जैन में केन्द्रीय सचिव जतीन्द्र नाथ
स्वेन ने गुजरात और राजस्थान में, उदभव के बाद उज्जैन जिले में तत्काल लम्पी के विरूद्ध उठाये
गये प्रयासों की समीक्षा की।
उन्होंने प्रदेश में लम्पी रोग की रोकथाम के लिये किये गये प्रयासों की प्रशंसा करते हुए कहा कि इसे
मॉडल के रूप में अन्य राज्यों को भी भेजा जाएगा। उल्लेखनीय है कि उज्जैन में तुरंत ही
प्रतिबंधात्मक आदेश जारी कर पशु क्रय-विक्रय, पशु हाट बाजार और पशुओं का आवागमन बंद कर
दिया गया था।
विभाग के सभी अधिकारियों-कर्मचारियों के अवकाश पर रोक लगा दी गई। सभी गौ-
शालाओं में टीकाकरण करा दिया गया है।
पटेल ने निर्देशित किया कि गुजरात, राजस्थान और उत्तरप्रदेश से लगे हुए जिलों में लम्पी चर्म रोग
ने प्रभावित किया है। सागर, रीवा और जबलपुर संभाग के गाँवों अभी भी अछूते है। इन जिलों में
विशेष सतर्कता बरती जाएँ। उन्होंने पशु चिकित्सकों और विभागीय अधिकारियों-कर्मचारियों की प्रशंसा
करते हुए कहा कि इसी तरह लगातार अपने-अपने क्षेत्र में भ्रमण जारी रखें।