होली पर मिलावटी खाद्य सामग्री कहीं सेहत न बिगाड़ दे

गाजियाबाद, 28 फरवरी ( त्योहारी सीजन आते ही बाजार में मिलावटी दूध, घी और पनीर बेचने वाले सक्रिय हो गए हैं जो मुनाफा कमाने के चक्कर में मिलावट कर लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।

होली पर मिलावटी खाद्य सामग्री कहीं सेहत न बिगाड़ दे

गाजियाबाद, 28 फरवरी ( त्योहारी सीजन आते ही बाजार में मिलावटी दूध, घी और पनीर
बेचने वाले सक्रिय हो गए हैं जो मुनाफा कमाने के चक्कर में मिलावट कर लोगों के स्वास्थ्य के साथ


खिलवाड़ कर रहे हैं। त्योहार के दौरान जो भी नमूने लिए जाते हैं उनमें से जांच में 50 से 60
फीसदी सामग्री खाने योग्य नहीं पाई जातीं।

बीते साल गाजियाबाद में होली पर 62 नमूने लिए,
जिनमें से 34 नमूने जांच में फेल आए।

वहीं वनस्पति, रिफाइंड, पनीर समेत विभिन्न खाद्य सामग्री
नष्ट कराईं।


जिले के विभिन्न इलाकों में मिलावटी दूध तैयार कर शहर में सप्लाई किया जाता है, जिसे तैयार
करने में मिलावटखोर मिल्क पाउडर, ग्लूकोज, डिटर्जेंट और पानी का उपोयग कर रहे हैं। यह खुलासा


प्रयोगशाला से प्राप्त जांच रिपोर्ट में भी हुआ है। औषधि एवं खाद्य सुरक्षा विभाग ने एक अप्रैल
2022 से 31 जनवरी 2023 तक 437 प्रतिष्ठानों पर निरीक्षण और 70 प्रतिष्ठानों पर छापेमारी की।


इस दौरान दूध के 127 नमूने जांच के लिए प्रयोगशाला भेजे। वहीं 187 नमूनों की रिपोर्ट प्राप्त हुई,
जिनमें से 79 रिपोर्ट में फेल आए। इनमें से 71 अधोमानक, चार असुरक्षित, दो मिथ्याछाप और दो


में नियम का उल्लंघन पाया गया। यानी दूध में विभिन्न प्रकार की मिलावट पाई गई। साथ ही दूध
को लंबे समय तक रखने के लिए फॉर्मेलिन नामक रसायन का उपयोग किया जाता है। इसके अलावा


एओ कोर्ट ने दूध में मिलावट करने पर 36 मिलावटखोरों से 23.30 लाख रुपये का जुर्माना भी
वसूला।

विभागीय अधिकारियों का कहना है कि मिलावटखोर दूध में सबसे ज्यादा मिल्क पाउडर और
पानी मिलाते हैं,

जिसकी पहचान ग्राहक नहीं कर पाता। इसके लिए विभागी समय-समय पर अभियान
चलाता है।


वनस्पति और एसेंस से तैयार देशी घी बेचा जा रहा: त्योहार के दौरान बाजार में देशी घी की भी
अच्छी खासी बिक्री होती है। लेकिन आप शुद्ध घी खरीद रहे हो इसकी कोई गारंटी नहीं है। इस


दौरान बाजार में वनस्पति और एसेंस से तैयार देशी घी बेचने वाले भी सक्रिय हो गए हैं। विभाग को
इस वित्त वर्ष में अब तक प्रयोगशाला से घी के 46 नमूनों की रिपोर्ट प्राप्त हुई है, जिनमें से जांच में


13 नमूने जांच रिपोर्ट में फेल पाए गए हैं। विभाग ने पिछले एक साल में केमिकल से तैयार घी
बनाने वाली कई फेक्ट्रियों का भी फंडाफोड़ किया है।


बाजार में बिकने वाला पनीर भी खाने योग्य नहीं: होली के दौरान पनीर का भी विभिन्न उत्पाद
बनाने में बड़ी मात्रा में उपयोग किया जाता है। लेकिन जो पनीर बाजार में बिक रहा है वह ज्यादा


मुनाफे के चक्कर में दूध के बजार अन्य चीजों से तैयार किया जा रहा है। पनीर को तैयार करने में
मेदा और सोयाबीन का उपयोग किया जा रहा है

, जिसे लोग धड़ल्ले से खरीद रहे हैं। इस साल अब
तक 101 नमूनों की रिपोर्ट प्राप्त हुई है

, जिनमें से 93 फेल पाए गए हैं। यानी 92 फीसदी नमूने
फेल थे जो जांच में खाने योग्य नहीं थे।