अगर स्कूलो ने कोरोना काल में ली है पूरी फीस तो अब करनी होगी वापस
इलाहाबाद, 17 फरवरी ( इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अभिभावकों को बड़ी राहत देते हुए राज्य के सभी निजी स्कूलों को वर्ष 2020-21 में कोविड-19 अवधि के दौरान ली जाने वाली कुल फीस में 15 प्रतिशत की छूट प्रदान करने का निर्देश दिया है।
इलाहाबाद, 17 फरवरी ( इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अभिभावकों को बड़ी राहत देते हुए
राज्य के सभी निजी स्कूलों को वर्ष 2020-21 में कोविड-19 अवधि के दौरान ली जाने वाली कुल
फीस में 15 प्रतिशत की छूट प्रदान करने का निर्देश दिया है। कोरोना काल में जमा की जाने वाली
स्कूल फीस के नियमन को लेकर अभिभावकों की ओर से दायर याचिका पर सोमवार को हाईकोर्ट का
फैसला आया।
अभिभावकों ने हाईकोर्ट के समक्ष गुहार लगाई थी कि निजी स्कूलों में वर्ष 2020-21 के लिए
ऑनलाइन ट्यूशन के अलावा कोई सेवा नहीं दी गई। याचिका में कहा गया है कि इस तरह ट्यूशन
फीस से एक रुपया भी अधिक वसूलना और कुछ नहीं बल्कि शिक्षा का मुनाफाखोरी और
व्यावसायीकरण है।
मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल और न्यायमूर्ति जेजे मुनीर की खंडपीठ ने स्कूलों को 2020-21
शैक्षणिक वर्ष के दौरान ली गई कुल फीस के लिए अगले सत्र में समायोजन करने का निर्देश दिया है।
साथ ही, स्कूल छोड़ने वाले छात्रों के लिए, संस्थान को वर्ष 2020-21 में एकत्र की गई फीस का
15% वापस करना होगा, आदेश में कहा गया है। इसके लिए हाईकोर्ट ने स्कूलों को प्रक्रिया पूरी करने
के लिए दो महीने का समय दिया है।
2 तरह से होगा रिफंड
जिन पैरेन्ट्स ने 2020-21 सेशन के दौरान पूरी स्कूल फीस भरी है
, मगर कोरोना लॉकडाउन के
कारण बच्चे ने ऑफलाइन क्लास अटेंड नहीं की है
, उनकी 15 फीसदी स्कूल फीस वापस की
जाएगी। फीस रिफंड करने के 2 तरीके हैं-
जो बच्चे अभी भी उसी स्कूल में पढ़ रहे हैं, उन्हें मौजूदा सेशन की फीस में ही कंपनसेशन दे
दिया जाएगा। वहीं, जो बच्चे अब स्कूल बदल चुके हैं या स्कूली पढ़ाई पूरी कर चुके हैं, उनकी
फीस पैरेन्ट्स को सीधे लौटाई जाएगी। इसके लिए स्कूलों को 2 महीने का समय दिया गया है।
इसके साथ ही प्रदेश सरकार ने कहा है
कि जो स्कूल मैनेजमेंट फीस कंपनसेशन या रिफंड करने में
आनाकानी करेंगे
, उनके खिलाफ अभिभावक सीधे शिकायत कर सकेंगे, जिसपर फौरन सख्त एक्शन
लिया जाएगा।