दिल्ली में पटाखों पर प्रतिबंधों को लेकर 10 अक्तूबर को सुनवाई
नई दिल्ली, 23 सितंबर । दिल्ली में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सरकार की ओर से पटाखों पर लगाए गए प्रतिबंध के खिलाफ भाजपा सांसद मनोज तिवारी की याचिका पर उच्चतम न्यायालय 10 अक्तूबर को सुनवाई करेगा।
नई दिल्ली, 23 सितंबर ( दिल्ली में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सरकार की ओर से
पटाखों पर लगाए गए प्रतिबंध के खिलाफ भाजपा सांसद मनोज तिवारी की याचिका पर उच्चतम
न्यायालय 10 अक्तूबर को सुनवाई करेगा। तिवारी ने शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय में याचिका
दायर की है। उच्चतम न्यायालय 10 अक्तूबर को तिवारी की याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत हो
गया। याचिका में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के स्तर को रोकने के लिए सभी प्रकार के
पटाखों के उत्पादन, भंडारण
, बिक्री और उपयोग के खिलाफ दिल्ली सरकार के फैसले को चुनौती दी
गई है।
पटाखे फोड़ने पर केस न दर्ज करने की मांग
वकील शशांक शेखर झा के माध्यम से तत्काल सुनवाई के लिए मनोज तिवारी की याचिका का
उल्लेख करने के बाद मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) उदय उमेश ललित की अध्यक्षता वाली पीठ ने
कहा कि याचिका दिवाली से पहले 10 अक्तूबर के लिए सूचीबद्ध है। मनोज तिवारी ने अपनी
याचिका में आम आदमी पार्टी सरकार को आगामी त्योहारी सीजन के दौरान पटाखों की बिक्री, खरीद
और पटाखे छोड़े जाने के संबंध में नए दिशा-निर्देश जारी करने का निर्देश देने की मांग की। इसके
साथ ही, भाजपा सांसद ने सभी राज्यों को यह निर्देश देने की भी मांग की कि वे पटाखों की बिक्री
या उपयोग करने वाले आम लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने जैसी कोई दंडात्मक कार्रवाई न
करें।
धर्म की स्वतंत्रता छीनी नहीं जा सकती
अधिवक्ता अश्विनी कुमार दुबे के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया है कि जीवन के अधिकार
के नाम पर धर्म की स्वतंत्रता छीनी नहीं जा सकती। इसके लिए एक संतुलन बनाना होगा जैसा कि
सर्वोच्च अदालत के 29 अक्तूबर, 2021 के फैसले के माध्यम से किया गया है। 2021 में उच्चतम
न्यायालय ने स्पष्ट किया कि पटाखों के उपयोग पर कोई पूर्ण प्रतिबंध नहीं है और केवल वे
आतिशबाजी जिनमें बेरियम लवण होते हैं, प्रतिबंधित हैं।
कई राज्यों ने पटाखों पर प्रतिबंध लगाए
याचिका में कहा गया है कि सर्वोच्च अदालत ने पटाखों के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया था, जो
स्वास्थ्य के लिए हानिकारक पाए जाते हैं। जबकि यह स्पष्ट किया गया है कि पटाखों पर कोई पूर्ण
प्रतिबंध नहीं है और लोग अपना त्योहार मनाने के लिए पटाखों का उपयोग कर सकते हैं। याचिका में
कहा गया है कि कई राज्य सरकारों और उच्च न्यायालयों ने 2021 में उच्चतम न्यायालय के रुख के
विपरीत आदेश पारित किए और पटाखों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया।
दिल्ली सरकार ने दर्ज किए 210 केस
याचिका में कहा गया है कि सर्वोच्च अदालत के स्पष्ट आदेशों के बावजूद कुछ राज्यों और केंद्र
शासित प्रदेशों ने दीपावली के जश्न की उचित व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम नहीं
उठाए और प्राथमिकी दर्ज की और कर्फ्यू लगा दिया। याचिका में कहा गया है कि दिल्ली सरकार ने
आम नागरिकों के खिलाफ 210 प्राथमिकी दर्ज की और पुलिस ने पटाखे फोड़ने के आरोप में 143
लोगों को गिरफ्तार किया। जबकि (पटाखे) बेचने के आरोप में 125 प्राथमिकी दर्ज कीं और 138
लोगों को 28 सितंबर, 2021 से 4 नवंबर, 2021 के बीच गिरफ्तार किया। दिल्ली में ‘आप सरकार ने
7 सितंबर को राजधानी में एक जनवरी 2023 तक तत्काल प्रभाव से पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध लगा
दिया।