देश की सबसे बड़ी परीक्षा में शहर की बेटियों ने लहराया परचम
नोएडा, देश की सबसे प्रतिष्ठित संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) परीक्षा में नोएडा, ग्रेनो और गाजियाबाद की चार बेटियों ने परचम लहरा दिया है। टॉप-50 में नोएडा व ग्रेटर नोएडा की बेटियों ने अपनी जगह बनाई है।
नोएडा, देश की सबसे प्रतिष्ठित संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) परीक्षा में
नोएडा, ग्रेनो और गाजियाबाद की चार बेटियों ने परचम लहरा दिया है। टॉप-50 में नोएडा व ग्रेटर
नोएडा की बेटियों ने अपनी जगह बनाई है। ग्रेटर नोएडा पाई-2 जलवायु विहार की बेटी इशिता
किशोर ने यूपीएससी पास कर ऑल इंडिया पहली रैंक हासिल की है, जबकि सेक्टर-41 निवासी स्मृति
मिश्रा ने चौथी रैंक हासिल कर आईएएस बनने का सपना पूरा किया है। सेक्टर-39 निवासी गौरी
प्रभात ने 47वीं और गाजियाबाद के लोनी निवासी महिमा कसाना ने 141वीं रैंक हासिल कर भारतीय
प्रशासनिक सेवा (आईएएस) बनने के लिए सीट पक्की कर ली है।
स्मृति ने सोशल दुनिया त्याग कर पाई सफलता
सेक्टर-41 ई ब्लॉक में रहने वाली स्मृति मिश्रा ने सोशल दुनिया को त्याग कर सफलता पाई है।
उन्होंने अपने सपने को पूरा करने के लिए शादी विवाह, घूमना फिरना, तिथि त्योहार से दूरी बना ली
थी। स्मृति बताती है कि वह मूलरूप से प्रयागराज के बागबरी गद्दी के रहने वाले हैं। पिता राजकुमार
मिश्रा बरेली में डीएसपी है। उनकी पोस्टिंग अलग अलग जगह होने के कारण उन्होंने दसवीं और
12वीं की पढ़ाई आगरा के सेंट क्लेयर स्कूल से की।
उन्होंने दसवीं में 10 सीजीपीए और 12वीं में
96.6 प्रतिशत अंक हासिल कर आगरा जिले में टॉप-5 मेधावियों में जगह बनाई थी। इसके बाद वह
भाई लोकेश के साथ नोएडा आ गई और यहीं पर किराये पर रहकर आगे की पढ़ाई शुरू कर दी।
उन्होंने 2019 में डीयू के मिरेंडा हाउस कॉलेज से बीएससी (लाइफ साइंस) पास कर विश्वविद्यालय में
दूसरा स्थान पाया था। फिलहाल वह दिल्ली विश्वविद्यालय में एलएलबी अंतिम वर्ष की छात्रा है।
स्मृति ने पिता राजकुमार मिश्रा बरेली में डीएसपी हैं और मां अनिता मिश्रा गृहणी है। उनकी सफलता
से परिजनों की खुशी का ठिकाना नहीं है। स्मृति बताती है कि उन्होंने ग्रेजुएशन के दौरान ही
आईएएस बनने के लिए यूपीएससी परीक्षा देनी शुरू कर दी थी। इसके लिए उन्होंने सोशल दुनिया से
मुंह मोड़ लिया, वह मोबाइल व लैपटॉप का प्रयोग केवल ऑनलाइन पढ़ाई के लिए करती थी। उन्होंने
विषयों में मजबूती बनाने के लिए एनसीईआरटी समेत अन्य प्रकाशकों की किताबें पढ़ी। सामान्य ज्ञान
के लिए अखबर पढ़े। उन्होंने तीसरी बार में यूपीएससी परीक्षा पास की है। उन्होंने ऑल इंडिया चौथी
रैंक हासिल की है। स्मृति आईएएस बनकर महिला सशक्तिकरण और कूडा निस्तारण जैसे महत्वपूर्ण
बिंदुओं को प्राथमिकता देगी। उन्होंने परीक्षा में सफल न होने वाले अभ्यर्थियों को निरंतर पढ़ाई करने
की सलाह दी है। उनके यूपीएससी पास करने के बाद घर पर बधाई देने वालों का तांता लगा है।
बिना कोचिंग माता-पिता के मार्गदर्शन में पढ़ाई कर गौरी बनी काबिल
सेक्टर-39 निवासी गौरी प्रभात ने भी इस बार यूपीएससी पास कर ली। उन्होंने तीसरे प्रयास में
परीक्षा पास कर ऑल इंडिया 47वीं रैंक हासिल की है। गौरी प्रभात ने 10वीं और 12वीं की पढ़ाई
सरदार पटेल विद्यालय लोदी इस्टेट नई दिल्ली से पास की। उन्होंने दसवीं में 10 सीजीपीए और
12वीं में 97.75 प्रतिशत अंक हासिल किए थे। इसके बाद उन्होंने दिल्ली के सेंट स्टीफन कॉलेज से
बीए इकोनॉमिक्स ऑनर्स की पढ़ाई की। 2018 में स्नातक पास करने के साथ ही उन्होंने कॉलेज और
विश्वविद्यालय टॉप किया था। गौरी के पिता डॉ. प्रभात कुमार रिटायर्ड आईएएस अधिकारी हैं, वह
पूर्व मेरठ कमिश्नर भी रहे हैं। वह 1995 में यूपीएससी परीक्षा में प्रथम रैंक हासिल की थी। मां
हिमालनी कश्यप रिटायर्ड आईआरएस अधिकारी है। वह प्रिंसिपल डायरेक्टर जनरल इनकम टैक्स में
अधिकारी रही है।
गौरी बताती है कि एमए इकोनॉमिक्स की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू
कर दी थी। उन्होंने किसी से कोचिंग नहीं ली, घर पर मां व पिता ही उन्हें गाइड करते थे। वह
ऑनलाइन किताबों को सर्च कर पढ़ती थी। अखबरों से सामान्य ज्ञान हासिल करती थी। यूपीएससी में
इस बार उनका तीसरा प्रयास था, उन्होंने ऑल इंडिया 47वीं रैंक हासिल की है। गौरी के एक बडे भाई
भी है, जो अधिवक्ता है। बताती है कि पढ़ाई के दौरान उन्होंने सोशल मीडिया से दूरी बनाए रखी।
उन्होंने कभी घंटों के हिसाब से पढ़ाई नहीं की, वह जितना भी पढ़ती थी ध्यान लगाकर पढ़ती थी।
उनका कहना है कि आईएएस बनने के बाद वह महिला सशक्तिकरण और शिक्षा के क्षेत्र में ज्यादा
योगदान करेगी। साथ ही उन्होंने असफल हुए अभ्यर्थियों को निरंतर पढ़ाई का मंत्र दिया। वह कहती
है कि निरंतर पढ़ाई करने से ही लक्ष्य को भेदा जा सकता है।