नोएडा: 22 मई को मात्र दस सेंकेड में ध्वस्त होगा का सुपरटेक का ट्विन टावर
नोएडा, 14 मार्च नोएडा में एक्सप्रेस वे से सटे सुपरटेक बिल्डर के 40-40 मंजिला बने दो अवैध ट्विन टावर 22 मई को ध्वस्त किया जायेगा। जो विस्फोटकों के माध्यम से मात्र दस सेकेंड में धराशाही हो जायेगा।
नोएडा, 14 मार्च नोएडा में एक्सप्रेस वे से सटे सुपरटेक बिल्डर के 40-40 मंजिला बने दो अवैध ट्विन
टावर 22 मई को ध्वस्त किया जायेगा। जो विस्फोटकों के माध्यम से मात्र दस सेकेंड में धराशाही हो जायेगा।
इसकी जानकारी सोमवार को नोएडा प्राधिकरण की मुख्य कार्यपालक अधिकारी रितू महेश्वरी ने दी। रितू महेश्वरी ने
मीडिया को सुपरटेक ट्विंस टावर के ध्वस्तीकरण से जुड़ी पूरी जानकारी विस्तार पूर्वक बताई है।
ध्वस्तीकरण के
कारण धूल, धुआं और पॉल्युशन से आसपास के क्षेत्र पर क्या असर होगा, इसकी भी जानकारी दी है। दोनों अवैध
ट्विन टावरों को तोडऩे के लिए बिल्डर ने सभी 15 विभागों की एनओसी ली गई हैं।
22 मई को तोड़े जाएंगे दोनों अवैध टावर
रितु माहेश्वरी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर यह पूरी प्रक्रिया चल रही है।
अदालत की ओर से दिए गए
आदेशों का अनुपालन करते हुए डेमोलिशन एजेंसी नियुक्त की गई है। निगरानी एजेंसी भी काम कर रही है।
डिमोलिशन प्लान को नोएडा अथॉरिटी ने अप्रूवल दे दिया है। सभी जरूरी 15 एजेंसियों से अनापत्ति प्रमाण पत्र ले
लिए गए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने 22 मई तक इन दोनों अवैध बिल्डिंगों को गिराने का एक्शन प्लान मंजूर किया है।
लिहाजा, 22 मई को यह दोनों अवैध इमारतें ध्वस्त कर दी जाएंगी।
वाटर फाउंटेन कॉलेप्स प्रक्रिया से गिरेंगे दोनो टावर
रितू माहेश्वरी के साथ इन टावरों को ध्वस्त करने वाली कंपनी के इंजीनियरों की टीम भी मौजूद रही। जिन्होंने
बताया कि ट्विंस टावर को गिराने के लिए 10 फ्लोर पर विस्फोटक लगाए जाएंगे।
इन टॉवर्स को वाटर फाउंटेन
कॉलेप्स प्रक्रिया के तहत गिराया जाएगा।
नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु महेश्वरी ने बताया कि इन दोनों अवैध
इमारतों का निर्माण सुपरटेक बिल्डर ने 50 हज़ार वर्गमीटर में किया है। इन्हें तोडऩे का पूरा खर्च कंपनी वहन
करेगी।
एजेंसी पहले भी गिरा चुकी ऐसी इमारत
चयन की गई कंपनी एडिफिस अब से पहले वह साउथ अफ्रीका में इसी तरह के एक इमारत को गिरा चुकी है।
उन्होंने बताया कि जिस इमारत को उन्होंने गिराया था, उस इमारत की दूसरी इमारत से दूरी 8 मीटर की थी और
वह इमारत 108 मीटर ऊंची थी।
जिसको उन्होंने कंट्रोल ब्लास्ट और वाटरफॉल वाटरफॉल के तरीके सेनीचे गिराया
था। इस दौरान दूसरी इमारत को कोई नुकसान नहीं हुआ था। इसी तरह ट्विन टावर को भी नीचे गिराया जाएगा।
क्या था विवाद
मालूम हो कि सेक्टर-9& में सुपरटेक बिल्डर के एमरोल्ड कोर्ट सोसायटी में ग्रीन बेल्ट पर दो अवैध रूप से 40-40
मंजिला टावर बना दिए थे। जिसके खिलाफ सोसायटी के नागरिक व आरडब्लूए हाईकोर्ट चला गया था। जहां कोर्ट
ने दोनों को गिराने के आदेश दिए थे।
इस आदेश के खिलाफ बिल्डर व इन टावरों में फ्लैट खरीदने वाले सुप्रीम
कोर्ट चले गए।
जहां एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट ने बिल्डर व प्राधिकरण को कड़ी फटकार लगाते हुए इन दोनों टावरों
को जल्द से जल्द गिराने के आदेश दिए थे।
वहीं अभी भी सुपरटेक ट्विन टावर को गिराने की प्रक्रिया सुप्रीम कोर्ट
के आदेश पर चल रही है।
सुप्रीम कोर्ट ने रुडक़ी के सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट को इस ध्वस्तीकरण के लिए
निगरानी एजेंसी नियुक्त किया है। 7 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि ट्विन टावर ध्वस्तीकरण
मामले में तेजी से कार्रवाई करते हुए रिपोर्ट तीन सप्ताह में पेश करें। 9 फरवरी को प्राधिकरण की मुख्य कार्यपालक
अधिकारी रितु माहेश्वरी की अध्यक्षता में ट्विन टावर गिराने की तारीख पर 22 मई की मुहर लगा दी गई थी।
टावर तोडऩे के बाद 22 अगस्त तक मलबा हटाने का काम होगा। लगभग 17.50 करोड़ की लागत से दोनों टावर
ध्वस्त किए जाएंगे।