बिजली इंजीनियरों की दो दिवसीय हड़ताल शुरू
लखनऊ, 28 मार्च केन्द्र सरकार की निजीकरण की नीतियों के विरोध में बिजली कर्मचारियों और इंजीनियरों की दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल सोमवार से शुरू हो गयी।
लखनऊ, 28 मार्च । केन्द्र सरकार की निजीकरण की नीतियों के विरोध में बिजली कर्मचारियों और
इंजीनियरों की दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल सोमवार से शुरू हो गयी।
ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन के चेयरमैन शैलेंद्र दुबे ने बताया कि देश भर की ट्रेड यूनियनों द्वारा दी गई
दो दिवसीय हड़ताल की नोटिस के साथ देश के सभी प्रांतों के तमाम बिजली कर्मचारियों व इंजीनियरों ने भी केंद्र
सरकार की निजीकरण की नीतियों के विरोध में आज से दो दिन की हड़ताल में प्रारम्भ कर दी है।
उन्होंने बताया कि बिजली कर्मियों ने देश भर में जिला मुख्यालयों पर विरोध प्रदर्शन किए। मुम्बई,चेन्नई,कोलकाता,
लखनऊ, हैदराबाद, विजयवाड़ा, बेंगेलुरु, त्रिवेन्द्रम, भोपाल, पटियाला,शिमला, जम्मू, पटना,रांची,देहरादून में जोरदार
विरोध प्रदर्शन कर निजीकरण की नीति वापस लेने की मांग की गई।
दुबे ने बताया कि बिजली कर्मचारियों व इंजीनियरों की मांग है कि इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2021 वापस लिया
जाए, सभी प्रकार के निजीकरण की प्रक्रिया बंद की जाए,
केंद्र शासित प्रदेशों खासकर मुनाफा कमाने वाले चंडीगढ़
,दादरा नगर हवेली दमन दिउ तथा पुडुचेरी के बिजली के निजीकरण का फैसला रद्द किया जाए, बिजली बोर्डों के
विघटन के बाद नियुक्त किए गए सभी बिजली कर्मचारियों को पुरानी पेंशन स्कीम के अंतर्गत लाया जाए, राज्यों में
सभी बिजली कंपनियों का एकीकरण कर केरल के केएसईबी लिमिटेड और हिमाचल प्रदेश के एचपीएसईबी लिमिटेड
की तरह एसईबी लिमिटेड गठित किया जाए, नियमित पदों पर नियमित भर्ती की जाए और सभी संविदा
कर्मचारियों को तेलंगाना सरकार की तरह नियमित किया जाए।
उन्होंने बताया कि बिजली कर्मी चंडीगढ़ के निजीकरण का राष्ट्रव्यापी विरोध कर रहे हैं |
चंडीगढ़ का बिजली
विभाग लगातार मुनाफे में चल रहा है।वर्ष 2020 -21 में चंडीगढ़ के बिजली विभाग ने 257 करोड़ रु का मुनाफा
कमाया है, चंडीगढ़ की हानियां मात्र 09.2 प्रतिशत हैं और चंडीगढ़ का टैरिफ हरियाणा और पंजाब से काफी कम है।
ऐसे में लगातार मुनाफा कमाने वाले बिजली विभाग का निजीकरण स्वीकार्य नही है और उसके विरोध में राष्ट्रव्यापी
आंदोलन किया जाएगा।