बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ जांच शुरू होना राहत की बात : शरद पवार
औरंगाबाद (महाराष्ट्र), 07 जून राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार ने बुधवार को कहा कि भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ जांच शुरू होना राहत की बात है।
औरंगाबाद (महाराष्ट्र), 07 जून राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार ने
बुधवार को कहा कि भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह
के खिलाफ जांच शुरू होना राहत की बात है।
बृजभूषण पर कई महिला पहलवानों ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं।
पवार ने पत्रकारों से कहा कि प्रदर्शन कर रहे पहलवान बृजभूषण की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं,
जबकि सरकार का कहना है कि पहले जांच की जाएगी, फिर कार्रवाई होगी।
उन्होंने कहा, ;जांच शुरू होना राहत की बात है।
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पहलवान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता एवं सांसद बृजभूषण की गिरफ्तारी की मांग को लेकर
लंबे समय से प्रदर्शन कर रहे हैं।
हालांकि, बृजभूषण ने अपने ऊपर लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों
से इनकार किया है।
सरकार ने प्रदर्शनकारी पहलवानों के गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करने के कुछ दिन बाद उन्हें
(पहलवानों को) उनके मुद्दों पर बातचीत के लिए आमंत्रित किया है।
खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने मंगलवार को आधी रात के बाद ट्वीट किया, ;सरकार, पहलवानों के साथ
उनके मुद्दों पर चर्चा करने की इच्छुक है।
उन्होंने कहा, ;मैंने पहलवानों को एक बार फिर बातचीत के लिए आमंत्रित किया है।
दिल्ली पुलिस ने यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के सिलसिले में बृजभूषण के सहयोगियों और उत्तर
प्रदेश के गोंडा स्थित उनके आवास पर काम करने वाले लोगों के मंगलवार को बयान दर्ज किए थे।
वहीं, जिस नाबालिग के बयान के आधार पर बृजभूषण के खिलाफ यौन शोषण से बच्चों के संरक्षण
(पॉक्सो) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है,
उसका बयान दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी)
की धारा-164 के तहत एक बार फिर दर्ज किया गया है।
इस बीच, राकांपा के कुछ नेताओं के तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की भारत राष्ट्र समिति
(बीआरएस)
पार्टी में शामिल होने की योजना के बारे में पूछे जाने पर पवार ने कहा, ;यह हमारे लिए
चिंता का विषय नहीं है।
बीआरएस के महाराष्ट्र में पैर जमाने की कोशिश करने के सवाल पर राकांपा अध्यक्ष ने कहा, ;बीआरएस
के राज्य में पैर जमाने की कोशिशों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
हम देखेंगे कि वे महाराष्ट्र में
क्या कर सकते हैं।