राबड़ी के आवास पर सीबीआई

पटना, 06 मार्च ( भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की बिहार इकाई के नेताओं ने सोमवार को जोर देकर कहा कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के खिलाफ दर्ज

राबड़ी के आवास पर सीबीआई

पटना, 06 मार्च  भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की बिहार इकाई के नेताओं ने सोमवार
को जोर देकर कहा कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू


प्रसाद यादव के खिलाफ दर्ज मामलों में एक ‘स्वतंत्र एजेंसी’ के रूप में ‘अपना काम’ कर रही है और
लालू ने ‘जो बोया था, वही काट रहे हैं।’


भाजपा नेताओं ने रेलवे में नौकरी के बदले भूखंड मामले में ‘आगे की जांच’ के सिलसिले में सीबीआई


की एक टीम के लालू की पत्नी और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के पटना स्थित आवास पर पहुंचने के
बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में उक्त टिप्पणी की।


सीबीआई अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि टीम रेलवे में नौकरी के बदले भूखंड मामले में ‘आगे की
जांच’ के सिलसिले में राबड़ी के आवास पर पहुंची है

और वहां कोई तलाशी या छापेमारी नहीं हो रही
है।

यह मामला लालू के संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की पहली सरकार (संप्रग-1) में रेल मंत्री रहने के
दौरान का है।

इस मामले में सीबीआई की टीम राजभवन से चंद कदम की दूरी पर 10, सर्कुलर रोड
स्थित पूर्व मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास पहुंची है।


भाजपा के वरिष्ठ नेता और राज्य के पूर्व मंत्री नितिन नबीन ने कहा, “लालू प्रसाद का सीबीआई से
लंबे समय से पाला पड़ता आया है।

चारा घोटाला से जुड़े मामले, जिनमें उन्हें दोषी ठहराया गया है,
भाजपा के सत्ता में आने से बहुत पहले दर्ज किए गए थे।”


उन्होंने कहा, “चारा घोटाला से जुड़े मामले तब दर्ज किए गए थे, जब केंद्र में राष्ट्रीय मोर्चे का शासन
था, जिसका लालू खुद एक हिस्सा थे। शिकायतकर्ताओं में शिवानंद तिवारी और राजीव रंजन सिंह


उर्फ ललन शामिल थे। तिवारी जहां अब लालू की पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं, वहीं राजीव रंजन
राजद की सहयोगी जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के प्रमुख हैं।”


भाजपा के एक अन्य नेता और पूर्व मंत्री जिबेश कुमार मिश्रा ने कहा, “लालू प्रसाद को पहली बार
2013 में चारा घोटाले के मामले में दोषी ठहराया गया था।

उस समय केंद्र में कांग्रेस के नेतृत्व वाली
संप्रग सरकार थी, जिसमें उनकी पार्टी भी शामिल थी।”


मिश्रा ने कहा, “सीबीआई एक स्वतंत्र एजेंसी है। वह अपना काम कर रही है। राजनीतिक प्रतिशोध के
आरोप निराधार हैं। लालू प्रसाद और उनका परिवार वही काट रहा है

, जो उन्होंने बोया है। जैसी करनी
वैसी भरनी।”


सीबीआई अधिकारियों ने बताया कि जांच एजेंसी ने नौकरी के बदले जमीन मामले में पहले ही
आरोपपत्र दाखिल कर दिया है और विशेष अदालत ने लालू, उनके परिवार के सदस्यों और अन्य सभी


आरोपियों को 15 मार्च को तलब किया है। उन्होंने कहा कि सीबीआई ने कथित घोटाले में आगे की


जांच जारी रखी है। अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई टीम का यह दौरा मामले में आगे की जांच
के सिलसिले में है।